शनिवार, 9 मई 2015

माँ

माँ जीवन की पहली पाठशाला है ओ अपने स्नेह , आशीर्वाद और संस्कार से जीवन की नीव रखती है स्वतन्त्रा संग्राम दौर को देखे तो शहीदों की माँओ के दर्शन होंगे  जिनकी कोख से क्रांति ने जन्म लिया ।
देश भक्ति और बलिदान के जज्बे से ओतप्रोत मांओ की सिख से वीर सपूतो ने न केवल गुलामी के बेड़िया तोड़ने के लिए हंसते हंसाते अपने प्राणों की आहुति दे दी और आधुनिक भारत निर्माण ने ठोस नीव रखी
सभी माताओ को चरण स्पर्श एवं मातु दिवस की हार्दिक शुभकामनए
रजनीश तिवारी
राष्टीय विकलांग अधिकार एवं कर्तव्य मंच
मध्यप्रदेश अध्यक्ष
9826938995
rajnishtiwari104@gmail.com

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