रविवार, 28 फ़रवरी 2016

हड़ताल में जाने से इन सारे कार्यों पर सीधा असर



परम आदरणीय संपादक महोदय  
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ् म0 प्र0 द्वारा दिनांक 29 फ़रवरी 2016 से अनिश्चितकालीन हड़ताल समूचे म0प्र0 के 51 जिलों में की जा रही है जिसमे 35000 से ज्यादा कर्मचारी सम्मिलित होंगे और अपने अपने जिलों पर हड़ताल करेंगे 1माह पूर्व 29 जनवरी को नीलम पार्क भोपाल में हमने एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया था जिसके पूर्व में संघ द्वारा 7 बार उच्च अधिकारियो एवम् मंत्री महोदय से मिलकर नियमितीकरण सहित 9 सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु अनुरोध किया जा चुका है और पिछले एक माह में भी हमने वरिष्ठ अधिकारियो से मुलाकात कर निवेदन किया किन्तु प्रसाशन ने बिलकुल भी ध्यान नही दिया है। हड़ताल में जाने से इन सारे कार्यों पर सीधा असर  
1.निः शुल्क दवा वितरण 
2..ओपीडी 
3.अरबीएसके के तहत प्रतिदिन 60000 बच्चों की जाँच 
4.पैथालॉजी लैब जाँच
5.कुपोषित बच्चों का इलाज
6.मलेरिया कार्यक्रम 
7.टीबी जांच और उपचार 
8.गर्भवती महिलाओं की जांच 
9.बच्चों का टीकाकरण
10.कार्यालयीन स्टाफ ऑपरेटर प्रबंधन इकाई बीपीएम्यु डीपीएम्यु के न होने से समस्त रिपोर्टिंग सॉफ्टवेयर सन्चालन 
11.वित्तीय क्लोजिंग सहित समस्त भुगतान 
12.जननी सुरक्षा योजना 
13.जननी एक्सप्रैस 
14.आशा भुगतान 
15.कुष्ठ शाखा 
सहित अन्य समस्त शासकीय योजनाएं एवम् कार्य आप से अनुरोध है कि 10 से 12 वर्षों से ज्यादा समय से समाज को स्वास्थ्य जैसे सम्वेदनशील क्षेत्र में सेवा दे रहे 35000 युवा वर्ग की आवाज को प्रशासन तक मीडिया के माध्यम से पहुचाने की कृपा करेंगे।
धन्यवाद  
*सौरभ सिंह चौहान 
प्रदेश अध्यक्ष संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश 
*अमिताभ चौबे  
संभागीय अध्यक्ष , सागर मध्यप्रदेश !!!

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

राष्ट्रीय विकलांग अधिकार एवं कर्तव्य मंच मध्यप्रदेश द्धारा क्षपन दिया गया


प्रति
    माननीय मुख्य  मंत्री  मदोहय जी 
    मध्यप्रदेश ​शासन भोपाल  ।
विषय   "पूर्व में घटित विकलांग जनों को बर्बरता के साथ उत्पीडीत करनेउनकी अश्लील वीडियो बनाने आदि की घटना के संदर्भ में तुरंत कार्यवाही कराने को पत्र"

महोदय
विभिन्न समाचारों से विदित उपरोक्त विषयक निवेदन किया जाता हैं कि जहां देश में माप्रधान मंत्री जी द्वारा विकलांग व्यक्तियों को 'दिव्यांगजैसे सम्मानजनक शब्दों से सशक्त स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा हैं वहीं मध्य प्रदेश के भोपाल में बीते दिनों 31 दिसंबर 2015 की रात विकलांग बच्चों को आश्रय देने वाली संस्था एस ओ एस बाल ग्राम खजूरी कला की ये घटना जहाँ कुछ विकलांग जनों को उनकी अश्लील वीडियो बनाये जाने के विरोध के कारण बर्बरता के साथ उत्पीडीत किया गया तथा शिकायत के बावजूद अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई अपराधिक अभियोग दर्ज नहीं करते हुए गिरफ्तार भी नहीं कि गयी (समाचार संलग्नक। प्रकरण से देश भर का विकलांग जन आहत एवं दुखी हैं ।यदि मामले में यथा शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं की गई तो हमें उग्र आंदोलन को विवश होना होगा । अतः श्री मान से सविनय निवेदन है कि मामले में अविलंब अभियोग दर्ज कराकर प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त सजा एवं पीडितों को न्याय दिलाने के लिए प्रभावशाली कार्रवाही करें तथा अधौहस्ताक्षरी को भी अवगत कराने का कष्ट करें ।
धन्यवाद ।
प्रतिलिपि : 
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श्री थावरचंद गहलौत जी  केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रीभारत सरकारनई दिल्ली ।
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श्री मुख्य आयुक्त निःशक्त जनभारत सरकारनई दिल्ली ।
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ekuuh; Jh  तहसीलदार महोदय जी उदयपुरा 
श्री डीजीपीमध्य प्रदेश पुलिस ।
● श्री संपादक संवाददाता गणसमस्त समाचार पत्र / इलैक्ट्रिक चैनल ।
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        भवदीय                                                                                                                                                                                                    रजनीश तिवारी

"अनिश्चितकालीन हड़ताल करने हेतु अति महत्व्पूर्ण संदेश"


प्रिय साथियों,
जैसा कि आप सभी को पता है कि संघ द्वारा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की 9 सूत्रीय मांगो को लेकर इस वर्ष शासन से -
1.7 बार पत्राचार
2. 21 दिसम्बर को 51 जिलों में रैली और ज्ञापन
3.29 जनवरी को भोपाल में प्रदर्शन
4. पीएस एमडी मंत्रियों से 2 से 3 बार मुलाकात
5.15 तारीख को पुनः एमडी से विस्तृत चर्चा
6. 2 बार एमडी पीएस को संघ का प्रतिनिधिमण्डल कमेटी में शामिल करने हेतु अनुरोध पत्र लिखा गया
हमारी मांगों का निराकरण होना तो दूर शासन द्वारा आज तक एक भी जवाब तक देना हमें उचित नही समझा इसलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना हमारी आवशयकता और समय की मांग है,संघ द्वारा 29 फ़रवरी की दिनांक संविदा बनाम शासन के संघर्ष की शुरुआत के लिए निर्धारित की गयी है जिसकी वजह ये है कि----
1.फ़रवरी की समस्त कार्यक्रम की रिपोर्टिंग ठप्प
2.फाइनेंसियल क्लोजिंग ठप्प
3.जाँच दवा वितरण स्क्रीनिंग ठप्प
4.समस्त हितग्राही मूलक योजनाओं का भौतिक और वित्तीय लक्ष्य पूरा करने का ये पूरे वर्ष का संवेदनशील समय है
5.सारे सॉफ्टवेयर ठप्प
सरकार को जवाब नही देते बनेगा अगर जब ये सारे काम एक साथ 2 माह के बंद होंगे
अगर ये डेट हमने मार्च पहले वीक में रखी तो फ़रवरी की सारी रिपोर्टिंग बैकलॉग फाइनेंसियल क्लोजिंग हम कर चुके होंगे जिससे सरकार को हमारी ज्यादा गरज नही रहेगी
इसलिए 29 फ़रवरी की डेट फाइनल करने का संघ निर्णय लेने का मन बना चुका है ।
अनिश्चितकालीन हड़ताल 3 दिन चलेगी या 30 दिन ये कोई नहीं बता सकता इसलिए तैयारी लम्बी लड़ाई लड़ने के हिसाब से होनी चाहिए अनिश्चितकालीन हड़ताल में सिर्फ और सिर्फ धैर्य ही एक ऐसा साथी है जो कठिन से कठिन मार्ग को आसान करके मंजिल तक पहुचाएगी
इसलिए सभी साथियों जिला अधयक्षों से अनुरोध है कि कल दोपहर 12 बजे तक अपने जिलों की स्थिति संभागीय अध्यक्षों को और संभागीय अध्यक्ष मुझे और प्रांतीय सचिव रमेश तोमर जी को 1 बजे तक हर हाल में फ़ोन पर अवगत करावें कि कितने जिले अनिश्चितकालीन हड़ताल 29 फ़रवरी से करने के लिए पूरे 1 माह तक हड़ताल करने की मानसिकता के साथ समर्पण और तन मन धन,निडरता के साथ तैयार हैं हड़ताल के लिए ।
ये फीडबैक जिलों से फ़ोन पर लिया जावे न कि व्हाट्स एप्प पर
सैलरी आने की और फ़रवरी की रिपोर्टिंग और क्लोजिंग की चिंता करने वालों को मैं ये कहना चाहता हूँ कि हमारा विभाग हमारे भविष्य की क्लोजिंग में ध्यान दे रहा है भलाई में नहीं इसलिए विभाग की क्लोजिंग नही अपनी ओपनिंग की चिंता की जाये और समय पर वेतन सब दिन ट्रेजरी में समय से आने लगे हड़ताल इसलिए भी हो रही है ।
कल दोपहर 1:30 बजे तक संभागीय अध्यक्षों से 51 जिलों के फीडबैक की प्रत्याशा में.....
सौरभ सिंह चौहान
प्रदेश अध्यक्ष
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ् म0प्र0

गुरुवार, 4 फ़रवरी 2016

​निःशक्तजनो को दिव्यांग न कहे ​

माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी 
7 रेस कोर्स रोड नई देल्ही 
110011 ph- 911123012321 
fax- 911123016857 
 
   माननीय प्रधानमंत्री मंत्री जी आप देश के पहले प्रधानमंत्री मंत्री है जिन्होंने हर वर्ग के हितो के बारे में गम्भीरता से विचार किया आप ने विकलागो के बारे में भी सोचा आप के मन में विचार आया की जब इश्वर मनुष्य में कुछ कमी रखता है तो उसको पूरा करने के लिए कुछ विशेस शक्ति दिव्यता देता है माननीय प्रधानमंत्री जी विकलागो में कोई दीव्यता या इस्वरिय अलोकिक शक्ति नहीं होती है विकलाग भी अन्य मनुष्यों की तरह ही हैं और उनमें कोई विशेष शक्तियां आदि नहीं होती। उन्हें “दिव्यांग” कहना ठीक उसी तरह है जैसे गांधी जी ने एक नया शब्द “हरिजन” गढ़ा था। एक वर्ग के लोगों को नाम मिल गया कि वे भगवान् के जन हैं और हकीकत में उन्हें छूने तक से गुरेज़ होता रहा।इस लिए विकलागो को दिव्याग कहा जाना उचित नहीं होगा और आप ने अपने मन की बात को सार्वजानिक करते हुए विकलागो को नया नाम दिव्याग दे दिया परन्तु माननीय प्रधानमंत्री जी विकलाग समाज को नए नाम की नहीं दया की नहीं समान अधिकार समान अवसर सरक्षण पूण भागीदारी शिक्षा रोजकर की जरूरत है विकलाग समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए दिव्याग कहना जरुरी नहीं है माननीय प्रधानमंत्री जी सेन्सस 2001 से 2011 के बीच किये गए सर्वेक्षण में विकलांगजनो की संख्या 22.4% निकाली गयी । 2001 में यह संख्या 2.19 करोड़ थी जो की 2011 तक बढ़कर 2.68 करोड़ पहुँच गयी जिसमे 1.85 करोड़ पुरुष व 1.18 करोड़ महिलाये शामिल है विश्व बैंक द्वारा करवाए गए एक अध्ययन में पाया गया है भारत में 7 करोड़ से अधिक (कुल जनसंख्या का 6%) विकलांग होने का अनुमान है. कि भारत में विकलांग व्यक्ति अपेक्षाकृत अधिक गरीब हैं, उनके अनपढ़ और स्कूल नहीं जाने की संभावना अधिक होती है, उनके रोजगार के दर कम होते हैं और उन्हें सामाज में कलंक के रूप में माना जाता है. भारत में केवल 2% विकलांग स्कूल जाते हैं और उनमें से केवल 1% को लाभप्रद रोजगार मिलता है. Delhi High Court ने 2009 में निर्देश दिए थे कि प्रत्येक विद्यालय में 2 ऐसे शिक्षको की नियुक्ति होगी जो विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान करेंगे इस उपलक्ष में अभी तक कोई भी कार्यवाही नही की गयी  अतः प्रधानमंत्री जी से अनुरोध है कि वो सभी विद्यालयों में विशेष शिक्षको की स्थाई नियुक्ति करवाये साथ ही रोज़गार में अवसर प्रदान करें 2011 के बाद से भारत सरकार के पास विकलांगो की जनसँख्या का न ही कोई भी सुनिश्चित आंकड़ा है और न ही इनकी मांगों को सुना जा रहा है ऐसे में सिर्फ शब्दों के फेरबदल से क्या बदलाव आएगा । आज भी विकलांग भाइयों को पेंशन के लिए विकलांगता प्रमाणपत्र के लिए कार्यालयों व् अस्पतालों के चक्कर लगाना पड़ता है हमारा प्रधानमंत्री जी से अनुरोध है कि वो शब्द के फ़ेरबदल की जगह विकलांगजनो को समान अवसर , अधिकार संरक्षण तथा पूर्ण भागीदारी के साथ साथ विकलांगजनो के लिए शिक्षा, रोजगार, रक्षा , सम्मान एवं बाधामुक्त वातावरण प्रदान करें जिससे हमारे विकलांगजन भाई एक सुखी संपन्न व सम्मानित जीवन यापन कर सके।
धन्यवाद 
 भवदीय  
रजनीश तिवारी