रविवार, 22 नवंबर 2015

प्रकाशनार्थ

आप सभी पत्रकार बंधु का इसे प्रकाशन में सहयोग चाइए जिससे गावं -गावं निःशक्तजन मे जागरूकता आये और उनका अधिकार मिले प्रकाशनार्थ\
भोपाल ।
विकलांग जनो के हक अधिकार की मांग और सरकारी नीतियों की पोल खोलने के लिए 3 दिसम्बर को दिन में 09 बजे से जंतर मंतर पर विकलांग क्रान्ति दिवस का आयोजन राष्ट्रीय विकलांग अधिकार एवं कर्तव्य मंच द्वारा किया जायेगा जिसमे पूरे देश से काफी संख्या में विकलांग जन एकत्र होंगे । उक्त जानकरी देते हुए मध्यप्रदेश अध्यक्ष श्री रजनीश तिवारी ने बताया की प्रत्येक वर्ष 3 दिसम्बर विष विकलांग दिवस के दिन पुरस्कार और कुछ उपकरण बाँट कर सरकार अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती हैं जब विकलांग जन अपनी मुलभुत आवशयक्ता के लिए परेशान रहते हैं विकलांगजनो के नाम पर करोडो रुपये इधर से उधर होते हैं जिसका 20 प्रतिशत लाभ भी विकलांग जनो को नही मिलता हैं इन मुद्दों के साथ राष्ट्रीय विकलांग आयोग के गठन, विकलांग अधिकार अधिनियम 2014 को पारित किये जाने, पूरे देश में विकलांग जनो के लिए सामान्य नीति बनाने, विशेष शिक्षको को स्थाई करने, विकलांग जनो को योग्यता के अनुसार रोजगार देने, पेंशन 5000 किये जाने जैसी मांगो को भी प्रमुख्यता से उठाया जॉएगा । राष्ट्रीय विकलांग अधिकार एवं कर्तव्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री देवानंद शर्मा "देव" के आह्वान पर पूरे देश की कई संस्थाओ के विकलांग जन सम्मेलन में भाग लेंगे
3 दिसम्बर के विकलांग क्रांति सम्मेलन के लिए हमारी कुछ प्रमुख मांग आप भी सुझाव दें
1-: विकलांग अधिकार अधिनियम 2014 को त्वरित पारित किया जाय
2 -: सशक्त विकलांग आयोग का गठन जिसमे देश में विकलांग हितो के लिए काम कर रहे विकलांग सामाजिक कार्यकर्त्ता को शामिल किया जाये
3-: योग्यता के अनुसार विकलांग जनो के लिए रोजगार की व्यवस्था की जाय
4-: विकलांगजनो को पंचायत से संसद तक 4 % राजनैतिक आरक्षण दिया जाय
5-: बधिर विकलांग साथियो को वाहन चालन प्रमाण पत्र(Driving license) दिया जाय
6-:पूरे देश के विकलांग जनो के लिए पेंशन हेतु समान नीति बनाई जाय और कम से कम 5000 पेंशन दी जाय
7-: नेत्रहीन साथियो के लिए प्रमुख स्थानों पर ब्रेल लिपि में जानकारी उपलब्ध कराई जाय
8-: विभिन्न समय पर माननीय न्यायालय द्वारा विकलांग हितो के संदर्भ में दिए गए फैसलो को अविलंब लागू कराया जाय
9-: विकलांग जनो को शिक्षित करने वाले विशेष शिक्षक जनो को स्थाई किया जाय और पुरे देश में उनके लिए सामान नीति बनाई जाय
10-: सरकारी अर्धसरकारी भवनों सहित देश के प्रमुख स्थानों को बाधा मुक्त बनाया जाय
11-: विकलांग जनो के लिए टोल टैक्स फ्री किया जाय
12-: विकलांग जनो के लिए बनी योजना में BPL की बाध्यता खत्म की जाय
13-: विकलांग जनो के साथ साथ उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को भी सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाय
रजनीश तिवारी
सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं
राष्ट्रीय विकलांग अधिकार एवं कर्तव्य मच
(NPDRD) प्रदेश अध्यक्ष
rajnishtiwari104@gmail.com
9826938995

गुरुवार, 12 नवंबर 2015

delhi chalo delhi chalo

मित्रो नमस्कार। जैसा की आप सब को जानकारी हे की 3 दिसम्बर को सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षाओ के खिलाफ और अपने अधिकारो की प्राप्ति हेतु प्रस्तावित हल्ला बोल विकलांग क्रन्ति सम्मेलन का आयोजन किया जाना तय हे। सो अब दीवाली निकल चुकी हे।। आप सब से आग्रह हे की ज्यादा से ज्यादा विकलांग जन कार्यक्रम में पहुच सके और आयोजन को सफल बनाया जा सके, सो इसके लिए आप सब अपने अपने स्तर से प्रचार प्रसार करे।। और अपने संपर्क में जो भी विकलांग जन हो सबको कार्यक्रम में आने हेतु जागरूक करे।। आपका- रजनीश तिवारी प्रदेश अध्यक्ष राष्टीय विकलांग अधिकार एवं कर्तव्य मंच मध्यप्रदेश 9826938995rajnishtiwari104@gmail.com

रविवार, 8 नवंबर 2015

Wish Dipawali

पर्व है पुरुषार्थ का, 
दीप के दिव्यार्थ का, 
देहरी पर दीप एक जलता रहे, 
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे, 
हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा, 
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा,
दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है,
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है,
आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए,
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!
झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!

निशक्तजन मोबाइल कोर्ट केवल नाम के लिए

मोबाईल कोर्ट के जरिये अपनी समस्याओं का निराकरण कराने के लिये कोसों दूर से चलकर सतना पहुंचे विकलांगों ने सेमरिया चौराहे पर जाम लगा दिया। बीच सड़क पर बैठे विकलांगों का कहना था कि उन्हें बताया गया था कि शनिवार को टाउन हॉल में निःशक्तजनों की लंबित शिकायतों के निराकरण के लिये मोबाइल कोर्ट लगाई जाएगी। कोर्ट में निःशक्तजन कल्याण आयोग के आयुक्त बलदीप सैनी मौजूद रहेंगे। सामाजिक न्याय विभाग ने निःशक्तों को मोबाइल कोर्ट में आने की सूचना जारी कर दी और के कोने-कोने से तीन सौ के लगभग निःशक्त शनिवार की सुबह सतना पहुंच गये। लेकिन चार घंटे से भी अधिक समय तक इंतजार करने के बाद पता चला कि अधिकारी आज नहीं आ रहे है और मोबाईल कोर्ट स्थगित कर दी गई है। जिससे आक्रोशित विकलांगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। जब विभाग ने सूचना देकर विकलांगों को शानिवार के दिन बुला लिया और अचानक मोबाईल कोर्ट स्थगित कर दी गई तो विभाग के अधिकारियों को टाउन हॉल पहुंचकर विकलांगों को इसकी जानकारी भी दी जानी चाहिए थी। लेकिन विभाग ने ऐसा करना जरूरी नहीं समझा। लिहाजा दोपहर तक अधिकारियों का इंतजार करने के बाद भी सामाजिक न्याय विभाग का कोई अधिकारी मोबाइल कोर्ट के लिये निर्धारित जगह में नहीं आया। तब निःशक्त विकलांगों ने विभाग के कार्यालय में संपर्क किया। जिसमें उन्हें बताया गया कि शनिवार को लगने वाली मोबाइल कोर्ट स्थगित कर दी गई है।भिूखे प्यासे धूप में इंतजार कर रहे निःशक्तजनों को जैसे ही कोर्ट स्थगित होने की जानकारी मिली वो भड़क गए। खुद को छला हुआ महसूस करते हुए सभी विकलांग नाराज होकर शहर के व्यस्ततम सेमरिया चौक में जाम लगा दिया। जिससे करीब आधा घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। इस दौरान विकलांगों ने विभाग पर लापरवाही और असंवेदनशीलता का आरोप लगाया। घटना की सूचना मिलने पर विकलांग उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग के डॉ. अमर सिंह, कलाकार देवेन्द्र त्रिपाठी मौके पर गये और विकलांगों को समझाने की कोशिश की। लेकिन विकलांगों ने उनकी बातों को मानने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कलेक्टर के आने के बाद ही धरना समाप्त करेंगे।डंडा लेकर पहुंचे एसडीएमजिन्हें कुदरत ने पहले ही मार दिया है उन्हें डराने धमकाने के लिये एसडीएम रमेश सिंह डंडा लेकर सेमरिया चौक पहुंचे। उनके साथ तहसीलदार महेन्द्र पटेल तथा सीएसपी सीताराम यादव के अलावा पुलिसबल भी था। जिन्होंने बहुत ही असभ्य तरीके से विकलांगों को सड़क से हटने के लिये कहा। पहले तो धरने पर बैठे विकलांग अपनी जिद पर अड़े रहे। लेकिन जब उन्हें प्रशासन की ताकत का अंदाजा लगा तो उन्होंने धरना समाप्त कर दिया। इसके बाद एसडीएम के कहने पर सभी टाउन हॉल वापस पहुंचे। जहां पर एसडीएम ने उनकी समस्याओं को सुना और अगली तिथि में आकर मोबाईल कोर्ट में शामिल होने की समझाईश दी। भोजन और किराए की मांगसेमरिया चौराहा में चकाजाम कर रहे विकलांगों की का गुस्सा इसलिए उबाल मार रहा था कि किराया भाड़ा लगाकर बड़ी मशक्कत के बाद वो सतना पहुंचे। जहां मोबाईल कोर्ट लगाना तो दूर कोई एक गिलास पानी तक के लिये पूछने वाला नहीं था। सुबह से ही सभी विकलांग भूखे प्यासे टाउन हॉल में पड़े रहे और अब उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। एसडीएम से विकलांगों ने कहा कि किसी तरह रूपए पैसे का जुगाड़ करके वो यहां तक आये थे। जिससे उनका रुपए भी पानी में बह गए।मोबाइल कोर्ट स्थगित होने की सूचना सभी जनपद सीईओ, सीएमओ को फोन पर, पत्र द्वारा, मेल से की गई थी। इन लोगों को अपने क्षेत्र के विकलांगों को सूचना देनी चाहिए, मगर नहीं दी गई जिससे विकलांग परेशान हो गये। जिसके जिम्मेदार सीईओ व सीएमओ हैं।डॉ. अमर सिंह, उप संचालक विकलांग सामाजि