लंबे इंतजार के बाद मिले विकलांगो को ट्रीसिकल की खुसी थोड़ी देर भी नहीं रह सकीं जैसे ही साइकल चलने की कोसिस की तो साइकल के पार्ट्स टूटना चालू हो गए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दशहरा मैदान में आयोजित शिविर में निःशक्तों को ट्रेसिकले और सहायक उपकरण बंटे गये इसके साथ भोजन भी पर ओ भी घटिया क्वालिटी
तिन तिन मंत्री के सामने शिविर के ये हालात है तो सोच साकते है की देश में विकलांगो की क्या हालात होगी
जिस प्रदेश में निःशक्तजन आयुक्त को अपने मानदेय के लिए शासन को कई पत्र लिखे पर सुनवाई नहीं हुई
मध्यप्रदेश शासन के राज्य शासन के सचिव समकक्ष आयुक्त होने के बाद भी उनको पर्याप्त संसाधन स्टाफ मूक बधिर साइन भाषा जानने वाले नहीं
तो सोचो विकलांगो को क्या सुभिदा या लाभ दिया जा रहा होगा
जो भी है कागजी घोड़े है
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