शुक्रवार, 8 मई 2015

अँधा कानून

सामान्य भारतीय के लिए भारत का कोई भी सरकारी विभाग शाम को 5 बजे बंद हो जाता हैं। अदालत में तो आम आदमी की मर्जी की कोई जगह होती ही नही। लेकिन आज सलमान खान के लिए शाम 7.30 बजे तक अदालत चालू रही पुलिस बेठी रही। एक ही दिन में सब हो गया। मेरा विरोध सलमान खान से नही हैं। विरोध उस सरकारी व्यवस्था से हैं। जो एक गरीब और अमीर के बीच अंतर पैदा करती हैं।
सलमान खान को सजा होने पर मीडिया ने 13 मिनटों में बता दिया की...
1 सजा सुन सलमान रो पड़े
2 सलमान की माँ बेहोश हो गई
3 सलमान के बहन और भाई रुआंसे हो गए
4 सलमान की सजा पर फ़िल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों की क्या प्रतिक्रिया है
5 सलमान के जेल जाने से किस निर्देशक निर्माता को कितना नुकसान होगा.....आदि...आदि...

लेकिन पुरे 13 सालों में वो ये नहीं खोज पाया की...
1 मरने वाले लोग कौन थे,कहाँ से थे
2 उनकी माएँ जिन्दा बची या मर गई
3 उनके भाई बहनो के मन में मरने वालों की कोई याद बची है या वो भी मर गई
4 उनके बीवी बच्चे किन कठिनाइयों का सामना करते हुए दिन गुजार रहे है
5 आजादी के 67 सालों के बाद भी लोग फुटपाथ पर रात गुजारने को क्यों विवश है

क्या मीडिया इतनी सतही पत्रकारिता करने के बदले
समाज से विशेष सम्मान.सुविधाएं और संरक्षण चाहता है ?

धिक्कार् है आज की पत्रकारिता पर...

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