निशक्तजन आकड़ो में अंतर भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार दिया गया है संविधान के अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए समय -समय पर आवश्यक कानून बनाये गए और प्रयास भी किये गए मध्यप्रदेश में निःशक्तजनो बहुत प्रयास किये गए शिक्षण , प्रशिक्षण , रोजगार , स्वरोजगार , उपचार, पुनर्वास एवं पृथक योजनाओ / कार्यक्रमों के लिए 6 %(छः प्रतिशत ) आरक्षण का प्रावधान किया गया है पर कुछ आकड़े आप लोगो के सामने ला राहे है जो संकाप्रद है 2001 जनगणना के अनुसार कुल निःशक्तजन 1408528 (पुरुष - 824693 ,महिला - 583835 )और 2011 जनगणना के अनुसार कुल निःशक्तजन 1551931 (पुरुष - 888951 , महिला - 663180 ) एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा विशेष अभियान स्पर्श अभियान चलया गया था उनके अनुसार कुल निःशक्तजन 810368 इस अभियान के लिए मध्यप्रदेश सरकार को आवार्ड भी मिला था इसमे से 12464 निःशक्तजनो को पेंशन मिल रही (ये सभी आंकड़े मध्यप्रदेश शासन की वेबसाइट से लिए गए है ) इन सभी आकड़ो के अंतर को देखते हुए मुझे मध्यप्रदेश शासन की आंकड़े और यजोनाओ में संका हो रही है जब तक निस्चित नहीं हो जाता की हमरे इया निःशक्तजन कितने तब तक सरकार के वादे झूठे है हम आप सभी मध्यप्रदेश शासन , जनप्रतिनिधि , समाजसेवी , पत्रकार , प्रिंटमीडिया और न्यूज़ का इस ओर ध्यान दिलना चाहता हु की मध्यप्रदेश शासन के पास निःशक्तजनो का कोई निस्चित आंकड़े नहीं तो उनको विकास की मुख्या धारा या समनता का अधिकार कैसे दिला पाई गी / रजनीश तिवारी
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